आखती-पाखती रण

कंकेड़ा नै झाड़का

अर बीच-बिचाळै खिल्यौ

रुत रौ पैलौ सुरख-सुरंगौ फूल

इण अणजांण ठौड़

कुण रळकायी रेत

कुण बोयौ अपणायत रौ बीज

कुण सींच्यौ सनेव

सीर-संसकार समाजोग में

फूल समंचै उच्छब रै उनमांन

फूल जिण नै देख

मन में घणा-घणा कोड ऊठै

फूल जिकौ निसंक होय

काळ नै हेलौ मारै अर मुळकै

फूल जांणै जमीं री सगळी

रचनां रौ निचोड़

थोड़ी दूर...वठी नै—

अेक लाम्बी सड़क

जिण माथै

जीप-मोटरां धड़धड़ावती हांडै

ज्यूं डाकियौ बांटै होणी रा

ऊंधा-सूंधा लेख अर कागद

वै मुसाफरां नै अठै-उठी गेरती फिरै

वौ पोसकाट जेड़ौ मंगसौ टाबर

वौ बैरंग लीफाफै री भांत जरमानौ

ठोकतौ तैसीलदार

वा रैपर में बंध्यौड़ी पोथी री गळाई

दूबळी लुगाई

वौ मणियाडर रा लोट कै धौती रा

पल्ला फड़फड़ांवतौ

फफूंदीलाल

बणराय सूं आंतरै—

कठै अेक टेसण

रेलगाडी किरसाणां मजूरां नै

भर-भर डिब्बा में

सै’र खानी ले ज्यावै

अर पाछा कोनी ल्यावै!

वै परबारा चेजौ-चिणाई करै

भाठा तौड़ै

कोयलां री खाणां खोदै

लवौ गाळै गाभा बुणै

बोझौ ढ़ोवै

वां रौ मुलक वां रै दुख साम्हीं

अेक पलक में लोप

व्हैग्यौ अर वै पांतरग्या कै जठै

वै सोच नीं सकै

वठै रुत रौ पैलौ फूल खिल्यौ

अेकदम लाल जांणै चिनगतौ खीरौ

पण बरफ सूं वत्तौ स्यांत-सीळौ

सात समंद पार

कठै होटलां में गाज-बाजा

कठै लड़ाई रा रोळा-टोळा

कठै जिनावरां रा बेथाग बाड़ा

नै फळसै ऊभा न्याव रा काला कदीम कसाई

कठै फांसी रा तखता

नै हित्या रा कानूंनी जुगाड़

कठै राजभवनां में जळसा नै गोठ

अर अेक नैन्हौ बाळकियौ

भूक री सूकी आंगळियां चाबतौ

कठै राजा रांम रा गुळ जैड़ा

चिपचिपकन्ता

भासण

कठै दसमुख रावण री करड़-मरड़ हांसी

फूल

सगळी कुबद कुटळाई समझै

पण समझ्यां कांई कारी लागै

मनां री मगजी फाट्यौड़ी

बाळद चोरां रै हाथां में कचेड़ी

कांई करूं कांई करूं कुरळावै

देवळ दुवार माथै

एक कमेड़ी

घणेरा अरजण भींव परसराम

वद-वद फूल खानी ताचकै तीड़ण री तेवड़ै

बींधौ इण नै बांण सूं बींधौ

चिगदौ इण नै गदा सूं चिगदौ

पग जदतांई तोफानां री घात सूं

मांमूली तिणकलौ तक नीं डरपै

बमां री बरड़ावण सूं विसास रा

भाखर नीं ऊलळै

खाड-खोळां में टाबर जलमै इस्कूल लागै

दफ्तर खुल्लै खेती व्है

फूल नै कोई हांण नीं पुगा सकै

निरभै हौकारां में मौत री गूंचळी रौ

कांई अरथ?

बिरथा जावै घांणी में पिलावण रा आदेस

गिरजड़ां री कारस्तांनी कुण कोनी जांणै

फूल सगळा डंड झेलण नै त्यार

कठै पोहरौ कोनी

चौफेर सून्याड़

पवनपंखी सौरम रौ वास नै अंतस में

अदीठ नंदी जल रौ गैगाट।

जद-कद झरैला

कठै अैड़ौ दूजौ फूल खिलैला

नै वीं रौ कोई कोई भायलौ बूक सूं

दारू पीवण

वाळा रौ

पूंछ पाधरौ करैला।

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
जुड़्योड़ा विसै