हेली! जीवण-राग पहेली।
जिण में संग चलै नीं धेली॥
भेळो करतां कोडी-कोडी
ऊमर ढळगी, गळगी गोडी
अब तो मन में चेत निगोड़ी।
अण हद खाई-खेली।
हेली! जीवण-राग पहेली॥
मोह माया मद रेतां रळसी
मोतड़ली कद टाळी टळसी
आयो जीं नै जाणो पड़सी
कुछ आगै या पै ’ली।
हेली! जीवण-राग पहेली॥
घूम रयो जग जीवण गेड़ो
ईं में कुछ नेड़ो, कुछ छेड़ो
पार लगाणो पड़सी गेड़ो
खुद नै खुद रो गैली।
हेली! जीवण-राग पहेली॥