माँ पर कहाणियां

किसी कवि ने ‘माँ’ शब्द

को कोई शब्द नहीं, ‘ॐ’ समान ही एक विराट-आदिम-अलौकिक ध्वनि कहा है। प्रस्तुत चयन में उन कविताओं का संकलन किया गया है, जिनमें माँ आई है—अपनी विविध छवियों, ध्वनियों और स्थितियों के साथ।

कहाणी7

किस्तूरी मिरग

चेतन स्वामी

पावसी

अशोक जोशी ‘क्रांत’

मां अर माया

करणीदान बारहठ

बांझ

अरविन्द आसिया

ताजणौ

चन्द्र प्रकाश देवल

चिड़िया अेक मां

ज़ेबा रशीद

दीठ

मदन सैनी