स्मृति पर ग़ज़ल

स्मृति एक मानसिक क्रिया

है, जो अर्जित अनुभव को आधार बनाती है और आवश्यकतानुसार इसका पुनरुत्पादन करती है। इसे एक आदर्श पुनरावृत्ति कहा गया है। स्मृतियाँ मानव अस्मिता का आधार कही जाती हैं और नैसर्गिक रूप से हमारी अभिव्यक्तियों का अंग बनती हैं। प्रस्तुत चयन में स्मृति को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

ग़ज़ल3

हूँ थारी याद लियां बैठ्यो हूँ

लक्ष्मीनारायण रंगा

याद नित आयां सरै

किशोर कल्पनाकान्त

खुसबू रळी मन-प्राण में

किशोर कल्पनाकान्त