स्मृति पर दूहा

स्मृति एक मानसिक क्रिया

है, जो अर्जित अनुभव को आधार बनाती है और आवश्यकतानुसार इसका पुनरुत्पादन करती है। इसे एक आदर्श पुनरावृत्ति कहा गया है। स्मृतियाँ मानव अस्मिता का आधार कही जाती हैं और नैसर्गिक रूप से हमारी अभिव्यक्तियों का अंग बनती हैं। प्रस्तुत चयन में स्मृति को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

दूहा9

माह

रेवतदान चारण कल्पित

पुरुष विरह रस रा दूहा

बंशीलाल सोलंकी

वागड़ी दूहा

कैलाश गिरि गोस्वामी

दारू पीवै आपजी

भागीरथसिंह भाग्य

पाती लेज्या डाकिया

भागीरथसिंह भाग्य

जद तू मिलसी बेलिया

भागीरथसिंह भाग्य

बैसाख

रेवतदान चारण कल्पित

जीवण जोबन अंत

बाबूलाल शर्मा

बैठ भलाई डागळै

भागीरथसिंह भाग्य