स्मृति पर गीत

स्मृति एक मानसिक क्रिया

है, जो अर्जित अनुभव को आधार बनाती है और आवश्यकतानुसार इसका पुनरुत्पादन करती है। इसे एक आदर्श पुनरावृत्ति कहा गया है। स्मृतियाँ मानव अस्मिता का आधार कही जाती हैं और नैसर्गिक रूप से हमारी अभिव्यक्तियों का अंग बनती हैं। प्रस्तुत चयन में स्मृति को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

गीत14

हचकी

किशन लाल वर्मा

गीत

कृष्णा कुमारी ‘कमसिन’

थारी मनमां आवै गाँव

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

गीत धाट-धरा रै सोढां रौ

शक्तिदान कविया

रैयी पीड़ री पीड़

विप्लव व्यास

उन्हाळो आयो रे

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

कोई गीता गाई व्हैला

कानदान ‘कल्पित’