आज रौ मिनख आस रौ दीवड़लौ अहंकार गत घणो व्हैग्यो है भाईड़ा हिसाब सांसां रौ इणां रै चायां जाण्यौ-अणजाण्यौ कवि-धरम नुवोपण पांणी रिस्तो रोग साच- दो सरूप संघर्ष वो