मुरगो

बांग मेलै नीं मेलै

परभात हुवै इज

झालर बाजै नीं बाजै

आरती हुवै इज

अफसर आवै नीं आवै

दफ्तर चालै इज

मां-बाप व्है नीं व्है

टाबर रौ ब्याव हुवै इज

ईयां ही

कोई काम नीं रुकै

नीं टळै

पण,

सैं समझणियां कठै

अर जै समझ जावै

तौ फालतू रौ टंटौ

मिट जावै

अहंकार रौ आवरण

उघड़ जावै

हिवड़ै में सांति

पड़ जावै

स्रोत
  • पोथी : मिनख ,
  • सिरजक : विनोद सोमानी 'हंस' ,
  • प्रकाशक : विद्या प्रकाशन ,
  • संस्करण : 1
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