किशोर कल्पनाकान्त 1930-2001 bikaner लूंठा कवि-गीतकार। ‘कूख पड़यै री पीड़’ कविता संग्रै सारू साहित्य अकादेमी पुरस्कार।
गीत23 अब सुपना रो सैणा-भैणा घूंघट खोलो कठीकर आवै अे? नुंवली गीता रो ज्ञान नांव सुमरणौ भूल्यौ फागण आयो राज
ई-पुस्तक8 देखै जिसी चितारै कूख-पड़्यै री पीड़ कुण-के है बो? मानखो हेला मारै लोढ़ी-मोडी मथरी नस्टनीड़ निवण निवण शिव उजास रै आंगणै