किशोर कल्पनाकान्त 1930-2001 bikaner लूंठा कवि-गीतकार। ‘कूख पड़यै री पीड़’ कविता संग्रै सारू साहित्य अकादेमी पुरस्कार।
आखतौ होग्यौ अंधारी-जातरा अणगायो-गीत बिना सबद रो प्रेमगीत कुण के है बौ? मैं बागी तो कोनी होयग्यो के म्हैं सोचूं हूं ओ काळधिराणी कंकाळी पीड़ायीजतो-मन प्रीत बिना क्यारी जिनगानी उडीक