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किशोर कल्पनाकान्त

किशोर कल्पनाकान्त

  • 1930-2001
  • bikaner

लूंठा कवि-गीतकार। ‘कूख पड़यै री पीड़’ कविता संग्रै सारु साहित्य अकादेमी पुरस्कार ।

किशोर कल्पनाकान्त रौ परिचय

जन्म: 04 Aug 1930 | रतनगढ़,भारत

निधन: 02 Jun 2001

किशोर कल्पनाकान्त रौ जलम 4 अगस्त 1930 नै चूरू जिलै रै रतनगढ़ मांय हुयौ। किशोर कल्पनाकांत सातवें दसक रा नामी कवि-कहाणीकार हा। वां लगैटगै साहित्य री सगळी विधावां में लेखन कर्‌यौ‌। वांरी रचनावां में जूण री अबखायां, समाज रौ निजु मनोविज्ञान अर ओळै-दोळै पसरियोड़ी विडरूपतावां ख़ास तौर सूं निगै आवै‌। वांरी ख्याति एक ठावै संपादक रूप ई रैई है। वां तीस बरस लग ‘ओळमों’ पत्रिका रौ संपादन कर’र अर एक साहित्यिक पीढ़ी में सांवठा सैंस रौ विकास कर्‌यौ‌। वां आपरै मौलिक लेखन रै साथै गद्य-पद्यात्मक अनुवाद रौ ई काम मोकळायत में कियौ। राजस्थानी में वेद-वेदांत रौ पैलपोत गीतांतरण वांरै हाथां हुयौ। वांरी एक दरजन सूं बेसी पोथियां प्रकाशित है, जिणमें ‘कूख-पड़्यै री पीड़, ‘मानखो हेला मारै’, ‘बळती दोपारी’, कूंपळ अर फूल' (सम्पादित कविता संग्रै), ‘सेक्सपियर री बातां’ (बाल कथाकरण), ‘विश्वनाथ सत्यनारायण री बातां’ (अनूदित कहाणी संग्रै), ‘नष्टनीड़’ (अनूदित उपन्यास), ‘किशोर-गीता’ (गीतान्तरण), ‘कुण-के है बो’ (केनोपनिषद रो गीतान्तरण), ‘देखै जिसी चितारै’, ‘मरवण तार बजा!’ आद सामिल है। वांनै अलेखूं सम्मान मिल्या, जिणमें केंद्रीय साहित्य अकादमी रौ सिरै सम्मान ई सामिल है। जयपुर दूरदर्शन बरस 1996 में किशोर कल्पनाकांत पर  ‘एक अणथक’ नांव सूं वृतचित्र बणायौ। बरस 2001 में वै सौ बरस कर ग्या।