Anjas

धर्मवर्धन उपाध्याय

  • जलम: 1600
  • Marwar

मध्यकाल रा जैन कवि।

धर्मवर्धन उपाध्याय रौ परिचय

जन्म: मारवाड़,भारत

निधन: मारवाड़,भारत

कविवर धर्मवर्धन रौ मूळ नांव धर्मसी हो जिणरौ उल्लेख वांरी रचनावां मांय मिळै। धर्मवर्धन रै जलम, वंस, माता-पिता आद बाबत पुख्ता जाणकारी नीं मिळै पण केई विद्वान वांनै ओसवाळ वंसी मानै। वां 13 बरस री उमर मांय संवत् 1713 में  जैन धरम री दीक्षा हासल करी। धर्मवर्धन संस्कृत अर राजस्थानी भासा मांय मौकळी रचनावां रौ सिरजण कर्‌यो जिणमें धर्मबावनी, कुंडळिया बावनी, छप्पय बावनी, दृष्टांत छत्तीसी, परिहां बत्तीसी, सवासौ सीख, गुरू शिक्षा कथन निसाणी, वैराग्य निसाणी, उपदेश निसाणी, वैराग्य संज्झाय, सरस्वती स्तुति, परमेश्वर स्तुति, सूर्य स्तुति, दीपक वर्णन, पर उपकार, मेह वर्णन, मेह गीत, मेह अमृत ध्वनि, दुष्काल वर्णन, सीत, उष्ण अर वर्षा वर्णन आद उल्लेख जोग है।