अफळ रुंख अटकले गरथ तणैं गारवे घड़ी घड़ी घड़ियाल मिलतां मुहां मुंह नम्यां चढ़े गुण नेट सिला सेज सूवणें टीटोड़ी निज टांग वैर वध्यो हिज बुरौ