अर्जुन देव चारण जलम: 1954 जोधपुर संभाग ख्यात कवि-आलोचक-नाटककार अर रंग निर्देसक। 'घर तौ नाम है अेक भरोसै रौ' माथै बिहारी पुरस्कार।
आजादी अर सपना दुख गांधी नै चितारतां गवर घर कठै है हिसाब री वसूली जाजम रै खिलाफ किणनै उडीकां हां मजूर रौ दिन म्हारी दीठ सपना सातवौं फेरौ थारी हूंस रा मारग थूं कद जीवती ही मां उडीक उपजतौ सवाल वो झुरै