
पद
पद छंद री अेक विधा है। राजस्थानी पद छंद रै मांय मात्रावां अर वरणा री संख्या रो निरधारण नीं हुवै। पद नै गेय रूप दे’र भगती साहित्य नै घणो लूठो करण री खेचळ करीजी। पद रो प्राचीन समै में नांव राग शीर्षक सूं जाण्यो जावै।
पद छंद री अेक विधा है। राजस्थानी पद छंद रै मांय मात्रावां अर वरणा री संख्या रो निरधारण नीं हुवै। पद नै गेय रूप दे’र भगती साहित्य नै घणो लूठो करण री खेचळ करीजी। पद रो प्राचीन समै में नांव राग शीर्षक सूं जाण्यो जावै।
मेवाड़ रा सिरै भगत कवि अर योग साधक। भगती, मीमांसा, योगसार आद रा छंद, पद अर कवित्त खातर चावा।