
पद
पद छंद री अेक विधा है। राजस्थानी पद छंद रै मांय मात्रावां अर वरणा री संख्या रो निरधारण नीं हुवै। पद नै गेय रूप दे’र भगती साहित्य नै घणो लूठो करण री खेचळ करीजी। पद रो प्राचीन समै में नांव राग शीर्षक सूं जाण्यो जावै।
पद छंद री अेक विधा है। राजस्थानी पद छंद रै मांय मात्रावां अर वरणा री संख्या रो निरधारण नीं हुवै। पद नै गेय रूप दे’र भगती साहित्य नै घणो लूठो करण री खेचळ करीजी। पद रो प्राचीन समै में नांव राग शीर्षक सूं जाण्यो जावै।
रामसा पीर, आलम राजा, निकलंक नेजाधारी आद विरद धारी। राजस्थान रा चावा लोक देवता अर समाज सुधारक। द्वारकाधीश रा अवतार मानीजै। अछूतोद्धारक महापुरुषों में आगीवाण नांव।