सगळी चीजां रौ सुवाद

अबै दंतमंजण में आय'र जमग्यौ

सगळी पाल्टियां रौ उफांण

चन्दै री बाल्टियां मांय थमग्यौ

गंजा व्हैग्या सगळा नेम धरम

बिरमां-विसणूं रा बाळ

झड़ण लाग्या

निकसन रै जंक्सन तांई पूग'र

ईंजन ऊंधा पड़ण लाग्या

थूं जद थांरी भायली नै कागद लिखै

तौ खुस व्है ज्यावै

पण थांरौ हरख

जांणै चोरी रौ माल

वौ किणी परसेवां नै पूंन

नीं दे सकै

भोळप सूं सरु व्है

नै ठाई ठगी तांई जावै सगळा मारग

खूंटा पावण सारू

ताळ सूधा तबड़का भरै धज तेवर वाळा

बोवणी री टेम जिका चींचपट नीं करै

वां रै

आणंद रा थाट निराळा!

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण - जयपुर
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