ओ क्यूं होवै मां
थारी जूण रा
पगोतिया चढतौ इतियास
चांणचक
होय जावै पांगळौ
अर
म्हनै लाधै
तालर झाळां झिलियोड़ौ!
म्हैं कीकर बाचूं
ओ अधूरौ इतियास?
इण मांय
थारी जूण तौ है ई कोनी!