थूं वठै ई सूती है जठै काल ही
थांरी सांस में
वौ ई सैंधौ सिरजण नै
मिनखापण रौ सीर है जिकौ काल हौ
परस्यूं हौ
जुगां पैली हौ
थूं म्हांनै नीं ओळखै
पण म्हैं थांनै म्हांरै जलम सूं जाणूं
थूं कामगार माँ है, थूं ग्याभण है अर
निंदरा में सूती है
नींबड़ै री छिंया तळै।
थांनै ठा नीं कै थांरै सूज्यौड़ा पगां
नै भरियौड़ा हांचळां सूं
दुनियां रौ कांई सनमन है
घणकरी बर म्हांरै मांय कसमस व्है
कै थांरै औदर में
कूख में
है कुण?
जित्ती देर सोचूं माथौ भरणावण लागै
कदै ऊपर उठूं
आसा रै डौलर हींडै में
कदै भुगतूं काळै पांणी री सिज्या
आपूं आप
संका छिण-छिण
सूळी टांगै
खोदा काढ़ै—
कै थांरै गरभ में
कैड़ौ जीव है?
कठै ई थूं वीं कड़ तूट्यौड़ा मकोड़ा नै तौं
नीं पाळै है पेट में
जिण रौ अन्त
ठाकरड़ां कै पुलीस री पगरख्यां नै गाळियां सूं
जुड़ियोड़ौ है?
अर वौ कुबदी तौ नीं है
थारै मांय
जिकौ सगळां रौ
रांध्योड़ौ खायनै चौबारै हगै
नारां में सोवै नै
फूलां-हारां में जगै?
कै वौ ड्यौढ़ हुंस्यार तौ
नीं अंगेज लियौ थूं
जिकौ नित नुवां पड़पंच रचै
मांयली मार
मारै पण रौवण कोनी देवै?
थूं सूती है
गैरी-गैरी छिंया तळै
नै थांरै होठां री मंगसी मुळकावण
पळ-पळ गिणै हूंस रा
आंख्याँ खोल सुवागण थूं जाग
देख जणै-जणै री नसां में
धूंवै रा
गोट ऊफणै
अर विख री नाळ संचरै।
म्हांनै विसास है कै थांरै
गरभ में अवस कोई गारड़ी है
बिनां गारड़ी औ झैर कोनी ऊतरै!