किण ठौड़ धरूं पगां रा आयटण
कठै जा मेलू आंगलियां रे कटकां री तिजूरी
आ थकांण आ दोगाचींती तल्लामेल्ली
म्हारै मांयकर नीसरै जगां-जगां
घड़ी-घड़ी ओसरै
पण म्हैं धायौ -धबस्यौ
नीं चावू ध्यावस, नीं उडीकूं पाणी
नीं मांगू गादी ने गळगच्च सोगरा
म्हैं सौवूं अर बारूंबार सौंदू अेक चिलकौ
अेक पाधरौ कांकड़
अेक सबद रौ झालौ
जिण रै पांण म्हैं पगफेरौ ले सकूं
ओजू सरू कर सकूं वां ख्स्यौड़ां सूं रिगल
रळखळ रावळां सूं राड़
घणां दिन व्हिया म्हानै देखतां के चायै
गायटा रा गायटा नाज गेरौ
थोथ में रेवड़ उछेरौ
भासा री छाछ बाल्टियां भर-भरनै प्यावौ
हाडां रो चूरमौ बणाय खवाद्यौ
ऊपर सूं लोई रा धारौळा न्हाखौ
पण नीं ढंपी जा सके
नीं जड़ी जा सकै
धणी-धोरियां री मूंफाड
इण वास्तै
पाछौ पळट
म्हैं घोखणी चावूं 'घिरणा' कै
भांगूं गढ़ गोखां रा लिलाड़
वाढूं सिंघासण री सागीड़ी नाड़
मांडू अेकर फेरूं मांडू राजा-रावळां सूं राड़
म्हैं जांणू के अकास अबै म्हारौ नीं
अकासवाणी रै
आळै बैठ्यै सूवटै रौ है
जितरी सीख मिलै उतरी ई बोलै
दाणां चुगै मिट्ठूराम बाजै
दिल्ली रौ दाळद दुकाळां में गाजै
धिंगाणै धिराणी पूंन
पानका झाड़ती
डाळ्यां बिचाळै सटीड़ा पाड़ती
मोकळा बरड़ाटा करै
पण दावै में दोलड़ा व्हियौड़ा दरखत
फगत मुजरौ मांडै
नकटा ओ नेतिया! कठै गिया थारा दंद-फंद
कुण झीर दिया थारा गाभा?
कुण छांग'नै कर दियौ थांनै नागौ निस्सरड़ौ?
थूं मर ज्यावै पण आसण नीं छोड़ै
देख कदै काच में ई देख
थांरौ उणियारौ थांनै फिट्टौ गेरै धुरकार भांडै?
नारा जैकारां बीच बाजारां
आवै या अपसरा
सणसणावती आवै
लोगां रा मूंडा बायौड़ा ई रै ज्यावै
लालटण रै खंभै सारै ऊभचूभ म्हैं
आंख्या नै मीचू'र खोलू'
कोइया में बळत
बाफना में झळ
आ कालां री काळस
जीव री आंटी में ऊफणै अेक ई बात
कै भूक नै बगत रौ औ राजीपौ खोटौ है
पेट रै ऊंदरां नै हाल
मुट्ठी भर छाणस रो टोटो है
पण राणी जांणै मंतर
धिरांणी जाणैं टूंणा
वा विसास कर चालै कै
आदमी रो ओचांट
थेपड़ी नै काळी हांडी सूं आगै नीं पूगै
खेतां में बाजरड़ी रै डोकां री भांत
डाकण रा दांत अबै उगाया जा सकै
जीतै बो ई जिको जबान री कतरणी कंचकावै
अर सगळी स्यांणफ रौ
निचोड़ औ कै —
लड़ाई बुकियां सूं नई थूंकिया सूं लड़ी जावै
थूकौ तगार में
थूकौ पगार में
जै थूक नीं ऊतरै तो खांसी रा ठसका भरौ
खंखारां सागै किल्ला फत्तै करो!
किरसांण सभा रै
सिकेटरी खन्ने अेक कांगसियो है अर वौ
जद बिसूंणी लेवै
आपरा पट्टा पैलां काढ़ै
फेर गुद्दी में कुचरणी कर नै मैल री
बट्टियां बणाय देवै
ते'सील सूं आयौ अैड़ौ असवार
कै लुगायां रा माथा उघाड़ै'न टीका चेप देवै
कदै अेक टीकै रा हजार
कदै पांच सैकड़ी रिपिया धांमै
धीजौ राखण रौ जाप करै
चूंधी-चींधी आंख्या सूं आंसूड़ा ढौळै
जबाड़ी पंपोळै
लुगायां कुभागण इचरज में आंतरै गियौड़ी
असवार री ओळख नीं कर सकै
टीकां री टांच्यां समझै कीकर
लोट करड़ा धवळा लौट
कांचळी रै औलै धर लिया जावै
अर वीं कांचळी रा कसणां फेरूं कदै ई नीं खुलै
असवार जिण पगा जिण पंथा आयो
उणी पंगा उणी पंथा पूठौ मुड़ ज्यावै
पण भूंडा बेमाता रा लेख कै
पंथ रगदौळतौ
नीं बावड़ै अेक मायड़ रौ मूंछाळौ पूत
अैक बैन्नड़ रौ वीर अेक अणदेख्यै टाबर रौ बाप
अेक गूंगी अेक बोळी अेक अणखांवणी लांण
भींता संग रोवै
जिनगी भर ढौवै रंडापौ नै तिरस रौ सराप
आ कैड़ी अणूंती ओपमा कवि कालीदास!
कै गोदी रौ भार तो भरत ई रवै
पण देस बण ज्यावै दुरवासा
सिरेपंच सूत्यो 'पंचात भवण' में
मुळक री धणिचाप हांकण वाळा कठै है कांई ठा?
आधा अमरीका आधा बिलायत
बच्या-खुच्या फाइल रै फीतै बंधियौड़ा
वै नीं जीवतड़ां रो दरद जांणै
नीं मरियोड़ा री गत पिछांणै
दूर कोसा सुन्याड़ रै सिखरां माथै सूकै
अेक ल्हास
सींव सूं संगपण निभावै
सगती सुरापण रौ म्यांनौ बतळावै
पण बडेरा-म्हांटा मंतरी जद सुंवाज करै
काखां में खाज करै
रगत री रम्मतां कद देखै
किण खातर बांचै मरण त्यूंआर रा पानां
वै तौ रातींदौ पळौटता
स्यांती स्यांती बखांणता
अदला-बदली रा खाता खोलै
इण हाथ देय
उण हाथ लेय नै उत्तरपातर व्है ज्यावै
जिण जमींन सारू सीस दिया
सांस दिया
दी अेक आतमा हरी-भरी
कलमां री चूंच
सिरोमण्यां री हूंस
पळ में बणाय देवै
बीं मूंघी माटी ने ओपरी!
गोलियां सूं छालणी व्हियौड़ा
मांदगी में मुगती री मेड़ी
कै मीनकी री म्याऊँ साम्हीं गियौड़ा सरीर
किण ने ओळमां देवै
कुण ध्यारै वां रौ कसकणौ
कुण गिनरत करै चिराळी 'रांम दुवाई' री
कुण संवेटै रूआं- रूआं रड़कती
रीळा रा सनेसड़ा
घणी ताल घोबा सिंया
घणी घणी राखी कडूंबै री काण
भाईडा रे भायला! अबै थूं मती अंगेज
आं कुबध्यां रो किरियावर
आ कालां रौ काळस
मूंधौ मार कूंपलौ
परै बगाय पांगळां रा पिंचरंगी मोळिया
थूं जोध जुवान थूं पिरथीपाळ
थूं आमण-दूमणौ क्यूं
उठ आखड़ मती सरधा सांम्ह
अेड़ै-छेड़ै उडीक राखता डांखळा भेळा कर
बासती बाळ
खूंन निवायौ राख रै मौभी सावचेती बरत
खीरा सिळगा
खीलां नै रोप वां में आडा अर ठाडा
जद चंमचंम चिणगारयां छूटण लागै
थूं करड़ी छाती कर नै डांम वै सगळी
छळगारी जीबड़ियां
जिकी वाचा तो देवै
पण सांचा नीं देवै
भुळस वै भेख वै भबक्यां रा भोदेव
सालूं साल थारो कस सूंतै
बेलीड़ा! जे थूं होस सांभळै
काया नै काठी बंट लेवै
तो अेड़ौ बगनौ बैरी कुण
जिकौ थांरी औकात नै रणखेतां नूंतै॥