मनड़ौ चालै
सगळी दिसावां मांय
पण मारग तो
दोय ई मिलै
अेक जावण रो
अर दूजो आवण रो
म्हूं चालूं
जा’र पाछो आवण रे
सीधे मारग माथे
कदै चांद रे सागै
तद
कदै सूरज रे सागै
तपते तावड़ै मांय।