अंतस-तास तळै म्हारा मनवा

मन-मिरगा मन हार मती रै

मन हार्यां थारी जूण अलूणी

जुग-जुग जी मन मार मती रै॥

परबस पळमत तूं मत मत हीणा

आखर-अरथ सदा सूं झीणा

माही रो मान मिनख नै करणो

जग में जूण नै जूझत जीणा

हरख-हरावळ पग धर पूगै

निरमिस आँख नै झार मती रै

आक बटुक्यां तूं पवन भखी रै

आखी उमर भख बण पुरसीज्यो

अन-जळ बांट लियो बटमारां—

पत राखण मन सदियां छीज्यो

लूंठा तो लूटण री लत पाळी

धायोड़ै धींगां नै धार मती रै

मन हार्यां थारी जूण अलूणी

जुग-जुग जी मन मार मती रै॥

स्रोत
  • पोथी : अंतस तास ,
  • सिरजक : मोहम्मद सदीक ,
  • प्रकाशक : सलमा प्रकाशन
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