मनवीण बजातो बनड़ो थारो, बायरियो बण आवै!
सुध भूल्यां क्यूं बैठी अे मरवण! तार बजा! तार बजा!
मनवीणा रा सुर सात बजा!
अे मिलणै रा सिणगार सजा!
बादळिया नैणां, जठै-जठै बरसायो निरमळ-पाणी!
अब बठै-बठै, लागैला मिलणै रा मेळा सैलाणी!
कंठां री कोयल, जितरा-जितरा दुख रा गाणा गाया!
सुख-सूवटिया गासी, गौरल सुण! उणसूं गीत सवाया!
पुन्यू रो चान्द, प्रेम री सोळूं-कळा लेयनै आवै!
सुध भूल्यां क्यूं बैठी अे मरवण! तार बजा! तार बजा!
मनवीणा रा सुर सात बजा!
अे मिलणै रा सिणगार सजा!
काजळिया नैणां, रो-रो काटी, जो मावस री रातां!
अब हंस-हंस मुळक-मुळक कह दीज्यो, सगळी घातां, बातां!
सुपनां में झिझकी, डरपी, कांपी, जितरी-जितरी तू कुमळायी!
सुधियां सागै खेली, अर जितरी-जितरी रात जगायी!
इण सगळां रै बदळै में लजवण! कांई लेणो चावै!
सुध भूल्यां क्यूं बैठी अे मरवण! तार बजा! तार बजा!
मनवीणा रा सुर सात बजा!
अे मिलणै रा सिणगार सजा!
डाबरिया-नैणा में सुपनां रा मिरगा पाणी पीयो!
गिणत्यां गिण-गिणनै, सायधण! थारो जितरो उझळ्यो हीयो!
साथण सायेन्यां री रिगळ्यां सूं, जो मीठो दुख होयो!
मन-ई मन नीमड़ली रा काग उड़ा, जो मारग जोयो!
उण मारग उपरां, माणीगर मनभरियो थारो आवै!
सुध भूल्यां क्यूं बैठी अे मरवण! तार बजा! तार बजा!
मनवीणा रा सुर सात बजा!
अे मिलणै रा सिणगार सजा!
रतनाळा-नैणां, चान्दड़लै संग, जितरी निजर मिलायी!
थारो चान्दड़लो आवै, तू दरसण इमरत पी जायी!
सरगम रा सुर रै बदळै जितरी ताती-सांस उगाळी!
दिवलां रै सागै, मनड़ै री बाती नै, जितरी बाळी!
इण तप रो तपसण! तुठण नै वरदान, पिया घर आवै!
सुध भूल्यां क्यूं बैठी अे मरवण! तार बजा! तार बजा!
मनवीणा रा सुर सात बजा!
अे मिलणै रा सिणगार सजा!