सबद पर दूहा

वर्णों के मेल से बने

सार्थक वर्णसमुदाय को शब्द कहा जाता है। इनकी रचना ध्वनि और अर्थ के मेल से होती है। शब्द को ब्रहम भी कहा गया है। इस चयन में ‘शब्द’ शब्द पर बल रखती कविताओं का संकलन किया गया है।

दूहा5

वागड़ी दूहा

कैलाश गिरि गोस्वामी

दोहा : हालात

जयसिंह आशावत

दोहा : नीति

जयसिंह आशावत

वाचाणह लुघा वचन

गिरधर आसिया

पर उपकारी

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'