सबद पर गीत

वर्णों के मेल से बने

सार्थक वर्णसमुदाय को शब्द कहा जाता है। इनकी रचना ध्वनि और अर्थ के मेल से होती है। शब्द को ब्रहम भी कहा गया है। इस चयन में ‘शब्द’ शब्द पर बल रखती कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत3

कोरा कागजां साथै

अनिला राखेचा

म्हूं सबद-ब्रहम रो चेलो!

नरपत आशिया "वैतालिक"

सैनाणी

मेघराज मुकुल