समै पर गीत

समय अनुभव का सातत्य

है, जिसमें घटनाएँ भविष्य से वर्तमान में गुज़रती हुई भूत की ओर गमन करती हैं। धर्म, दर्शन और विज्ञान में समय प्रमुख अध्ययन का विषय रहा है। भारतीय दर्शन में ब्रह्मांड के लगातार सृजन, विनाश और पुनर्सृजन के कालचक्र से गुज़रते रहने की परिकल्पना की गई है। प्रस्तुत चयन में समय विषयक कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत5

हालो हेमाळे

कानदान ‘कल्पित’

कोई गीता गाई व्हैला

कानदान ‘कल्पित’

सात जुगां रौ लेखौ

रेवतदान चारण कल्पित

वागड़ी गीत...

छत्रपाल शिवाजी

बाड़ खेत नै खावै है

मोहम्मद सदीक