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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
नियति पर कवितावां
नियति शब्द भाग्य, दैव,
पूर्वकृत कर्मों का परिणाम आदि अर्थ देता है।
कविता
गीत
दूहा
सोरठा
छप्पय
काव्य खंड
डिंगल गीत
कवित्त
कविता
17
बतलावण
महेंद्र कुमार मोहता
लाय
प्रेमजी ‘प्रेम’
भविस अर भाग
आशीष पुरोहित
चड्डी आळो फूल
चैन सिंह शेखावत
जागता पुरख न आदेस
राजश्री ‘साधना’
करम
बृज मोहन ‘तूफान’
छनीक
भगवती लाल व्यास
अणबोलो छोड़ो
रामदयाल मेहरा
पन्ना, तूं इत्ती करड़ी छाती कठै सूं ल्याई
सरला सोनी ‘मीरा कृष्णा’
बै दिन
मातुसिंह राठौड़
कुण देवैलौ हेलौ
कल्याणसिंह राजावत
बात री सरुआत
पारस अरोड़ा
पड़दै रै लारै
आत्माराम
करम रा भारा
पवन कुमार राजपुरोहित
टूणो
सन्तोष मायामोहन
बापूजी
मोनिका शर्मा
थाळी अर हथाली
नीरज दइया