देश पर गीत

देश और देश-प्रेम कवियों

का प्रिय विषय रहा है। स्वंतत्रता-संग्राम से लेकर देश के स्वतंत्र होने के बाद भी आज तक देश और गणतंत्र को विषय बनाती हुई कविताएँ रचने का सिलसिला जारी है।

गीत8

आंधळी

गजानन वर्मा

मातृ-वन्दना

कान्ह महर्षि

रण-लोरी

मेघराज मुकुल

म्हारो परिचय

प्रेमलता जैन

दुःख-दरद जगत रा जाणनियां

नानूराम संस्कर्ता

जीवण-रस री धार में

कानदान ‘कल्पित’

सुण ल्यो वीर-जवान

लखन लाल ‘लखन’