विजय गिरि गोस्वामी 'काव्यदीप' जलम: 1974 udaipur साहित्य में ‘वागडी’ रंग। छंदा में खासी रूची। ‘जनक छंद का कोशिकृत कवि’, ‘माही छंद का जनक’ पोथ्यां प्रकाशित।
बेणेसर ने मेळा मांय ड़ील दीवा परतै बळतो रऊँ म्हूँ होळी नो तैवार है आज़े इच्छा नो घोड़ो कागद मनक नाणा राजनीति नी गाय सैनिक वागड़