ग़ज़ल7 आंखियां रौ बवार देखूला छाजै नीचे, टोडै ऊपर निजरां देख्या सुपना सड़ता पिचक्या गाल, होट कंवळाया फूल हां तोडौ, मसळदौ, फेंकदौ
जेठानंद पंवार श्यामसुंदर भारती उषाकंवर राठौड़ स्वामी खुसाल नाथ शक्तिदान कविया रेवंत दान बारहठ लालदास 'राकेश' मोहन सिंह रतनू