गोकल जी 1643-1733 Marwar विश्नोई पंथ सूं संबंधित संत कवि। गुरु महिमा, संशय निवारण अर आत्म निवेदन सूं संबंधित रचनावां।
जदि अगति न मुकति न भगति जदि आरंभ कौरंभ इंदव जदि धरमन ध्यान कर मन ही करसण जदि ससिहर सुर सुमेरन सागर पहलाद अखाड़ै धर प्रवाड़े पीपासर वास परगास भयौ