चेतनदास 1733-1777 हाड़ौती रामस्नेही संप्रदाय सूं सम्बंधित संत कवि। नाम सुमिरन, गुरु महिमा अर आत्म निवेदन री रचनावां खातर चावा।
कुंडलियाँ4 जग धूतै रांडां करै ब्याज चलावै दाम झूठौ सुख संसार को चेतन सो थिरि नाहिं माया में मां नीसरै ग्रिह सूं होय उदास सतगुरु का परताप की महिमा अगम अपार
दूहा5 ररंकार रहता पुरुस राम भजन में सुख अनंत राम भजन लवलीन होय राम भज्यां रामै मिलै हरी क्रिपा जा परि घणी