जग धूतै रांडां करै, ब्याज चलावै दाम।

हल हांकै गाडा खडै, यो नहीं साध को काम।

यो नहीं साध को काम, बहुत पाखंड चलावै।

तांकू बरजै नाहिं, बड़ौ मोहि अचरज आवै।

मेटै दया त्याग कूं, कहण देवै राम।

जग धूतै रांडां करै, ब्याज चलावै दाम॥

स्रोत
  • पोथी : स्वामी चेतनदास व्यक्ति, वाणी, विचार एवं शिष्य परंपरा (भेष को अंग) ,
  • सिरजक : चेतनदास ,
  • संपादक : ब्रजेन्द्रकुमार सिंहल ,
  • प्रकाशक : संत उत्तमराम कोमलराम 'चेतनावत' रामद्वारा इंद्रगढ़, (कोटा) राजस्थान ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
जुड़्योड़ा विसै