Anjas

अजमेर रा कवि/ रचनाकार

कुल: 15

आनन्द प्रिय

आनन्द प्रिय

चावा कवि-लेखक।

भँवरसिंह सहवाल

भँवरसिंह सहवाल

राजस्थानी रा सांतरा कवि।

1937
बृजदासी रानी बांकावती

बृजदासी रानी बांकावती

किशनगढ़ महाराजा राजसिंह री राणी। मूल नांव बृजकुँवारी। कृष्ण भक्ति में आस्था रै पांण 'भागवत' रो राजस्थानी में छन्दोबद्ध अनुवाद करियो। अन्य रचनावां भी मिळै।

1703
चन्द्र प्रकाश देवल

चन्द्र प्रकाश देवल

सिरैनांव कवि-उल्थाकार अर संपादक। पदमश्री अर साहित्य अकादमी रै सिरै पुरस्कार सूं सम्मानित।

1949
गणपत सिंह ‘मुग्धेश’

गणपत सिंह ‘मुग्धेश’

सुपरिचित कवि-गीतकार।

हरीश सुवासिया

हरीश सुवासिया

राजस्थानी-हिन्दी रा कवि-लेखक।

1985
नागरीदास

नागरीदास

किशनगढ़ रा शासक, मूल नांव सावंत सिंह। भक्ति-भाव री रचनावां करी।

1699 - 1764
नरहरिदास बारहठ

नरहरिदास बारहठ

जोधपुर नरेश गजसिंह जी रा समकालीन अर आश्रित कवि। पिंगल में 'अवतार चरित्र' नांव रै घण चावै ग्रंथ री रचना, जिय में चौबीस अवतारां रो विगत वार वरणाव।

1591 - 1676
रामनिवास शर्मा ‘मयंक’
ऋतु शर्मा

ऋतु शर्मा

राजस्थानी री ऊरमावान कवयित्री अर कहानीकार।

1975
सुंदर कुंवरी बाई

सुंदर कुंवरी बाई

किशनगढ़ री राजकुंवरी अर चावा भगत कवि नागरीदास री बहन। कविता रा संस्कार बापौती में मिळ्या। कविताओं में भगती री प्रधानता। वीर रस रा पद भी मिळे।

1734
स्वामी स्वरूपदास देथा

स्वामी स्वरूपदास देथा

डिंगल, पिंगल, संस्कृत रा प्रकाण्ड पंडित अर वेदान्त रा प्रखर जाणकार। 'पाण्डव यशेंदु चन्द्रिका' नांव री चावी रचना जो कि राजस्थानी महाभारत कहिजै।

1801 - 1864
त्रिलोक गोयल

त्रिलोक गोयल

कवि-नाटककार।

1932
उषा राजश्री राठौड़

उषा राजश्री राठौड़

नूवी पीढ़ी री कवयित्री।

1982
विनोद सोमानी 'हंस'

विनोद सोमानी 'हंस'

सिरैनांव कवि-कहाणीकार।

1938