Anjas

किशनगढ़ रा रचनाकार

कुल: 3

बृजदासी रानी बांकावती

बृजदासी रानी बांकावती

किशनगढ़ महाराजा राजसिंह री राणी। मूल नांव बृजकुँवारी। कृष्ण भक्ति में आस्था रै पांण 'भागवत' रो राजस्थानी में छन्दोबद्ध अनुवाद करियो। अन्य रचनावां भी मिळै।

1703
नागरीदास

नागरीदास

किशनगढ़ रा शासक, मूल नांव सावंत सिंह। भक्ति-भाव री रचनावां करी।

1699 - 1764
सुंदर कुंवरी बाई

सुंदर कुंवरी बाई

किशनगढ़ री राजकुंवरी अर चावा भगत कवि नागरीदास री बहन। कविता रा संस्कार बापौती में मिळ्या। कविताओं में भगती री प्रधानता। वीर रस रा पद भी मिळे।

1734