विश्व रै आंगणियै में ऊग पसरणी सघण शांति री बेल
बावळा मिनख रमतियो समझ विनासी अणु बम सूं मत खेल
हियै में बैर भाव मत पाळ, मिटादे भेदभाव रो जै’र
हुवै थारी-म्हारी रो अंत, बहादे इसी प्रेम री लै’र
अेक ही हुवै विश्व रो राज, तोड़दे सींव भेद री भींत
गुमानी पसुपणै नै त्याग, मिनख है, राख मिनख सूं मीत
गुंजादे रग-रग में इक राग, समझलै सगळा अेकाजीव
बणादे विश्व अेक परिवार, लगादे नुंवी धरम री नींव
सादगी, सत्य, अहिंसा शांति, सजादे सबल चौरंगी सैन
वांट दे न्याव-नाव में बैठ, विश्व रै घर-घर में सुख चैन
पंच ही परमेश्वर बण जाय, न्याय रो उजळो ओढै ताज
उतारै धरती माथै सुरग, पसारै घर-घर सुखद सुराज
विश्व रै आंगणियै में ऊग पसरसी सघण शांति री बेल
बावळा मिनख रमतियो समझ विनासी अणु बम सूं मत खेल।