ईसरलाल री छांन
आँधी रै बख उड़ती-उड़ती
पूगी मुखमन्तरी रै दीदां साम्हीं
नै चौपड़ माथै जतनां सूं जुटायौ जळसौ
सरू व्हियौ
आखतौ ईसरलाल
आधौ धरती में
आधौ बारणै
आधै पांणी रौ न्याव करण वाला
हौळै-सीक
बड़ग्या
मानां गूजरी रै बाड़ै में
नै आधौ दूध पीय’र कैवण लाग्या—
खोट कठै है
अेड़ौ झागल सुवाद तौ म्हांनै
कोनी मिल्यौ मायड़ री
जलमघूंटी में ई—
थोड़ी ताळ उपरांत वै आपस में
सुरपुरी करी—
अबै गूजरां रा वोट तौ आपां री मुट्ठी में।
ल्यावौ लुगायां नै आगै ल्यावौ
चौपड़ रै जळसै में
खड़बड़ माची
नेतावां रै मूंडै काळस पुतग्यौ
भांडै सगलौ सिंसार—थारी लुगायां कठै?
इतरा साल री आजादी में
थारी काळती-धोळती-पीळती गायां कठै?
ल्यावौ गायां नै आगै ल्यावौ
लुगायां नै आगै ल्यावौ
करौ कोई ठाडी तजबीज करौ
भरौ इणी सायत ‘रिजरब सीट’ भरौ
मुखमन्तरी रौ हुकम
हाजरिया भाजता गाजता
गळियां फंफेड़ै
कोई डावड़ी कोई गावड़ी सोदै
पण ईसरलाल धांणकियै रै घरां जै कदै बळदां री
गाडी लाधै तौ
राज रै आदमियां नै
कोई जोरावर लाडी लाधै
जद च्यारूंकूंट डूंडी पिटगी
नै सोदणियां री करड़ांवण पगथळियां में
चेंठण लागी तौ
मानां गूजरी मुळकी
ऊठी
अर लूगड़ी संवेटती
नखरां में
नै दीदां नै पळेटती हाली
नै धर कूंचा धर मजलां
मुखमन्तरी रै पाखती आय
खाली कुड़सी माथै बैठगी
कोरम पूरौ व्हियौ
जळसै में ज्यांन आयगी
लोग ताळियां में तिंवार मनावण लाग्या
हाजरिया टूटतै अकास रै तळै
बळी लगायनै राजी व्हिया
फेर वै मोकौ नीं चूक्या
तुड़त-फुड़त
परमोसन नै इनकरीमेन्ट री पंगत में
जाय ढूक्या
सो जळसौ मानां गूजरी री मनवांर
में गरणावै ई हो कै कुबखत में कुजायौ कमींण
ईसरलाल धांणकियौ
चिरळायौ—बापजी, म्हारी छांन म्हारी छांन!
कुणसी छांन? कठै गयी छांन?
गारै में गोडा देवणियां
गिदरां माथै गुलामंडी खांवता
कदै जैपुर नै कदै उदैपुर नै कदै दिल्ली
मिटंग सारू जांवता
बूझण लाग्या—
कुणसी छांन रै ईसरिया।
आकड़ां री छांन कै सरकणां री छांन?
भींटकां री!
बरसां बोदा सिणियां री छांन ही सिरकार!
रात आंधी में उड़गी...
वै हड़हड़ हांस्या
कैड़ौ गैलौ मिनख है कद आयी आँधी है कोई सबूत
म्है तौ जलम्यां पछै बस आंधी रौ नांव ई सुण्यौ
परतख देखी कोनी—
झूंठ मती बोल रे!
भाग दुर्र दुर्र दूर भाग
बारै नीसर जळसै सूं
धूड़ थारी अक्कल में।
ईसरलाल सौचण लाग्यौ—
अै किण देस रा जीव-जिनावर है।
अै अफसर,
अै ठठेरा,
अै धजा रा धणीं...
अै आंधी नै नीं जांणैं
रेत री राड़ रौ म्यांनौ नीं समझ सकै
अै म्हांरा कांई लागै?
म्हांरौ सांच आं रै खनै आंवतौ-आंवतौ
मांदौ पड़ ज्यावै
म्हांरा होंठ म्हांरा सबद सूका पानकां री गळाई
आं रै खोजां-खोजां
झड़ ज्यावै रुळ ज्यावै!
ज्यूं कबूड़ै नै कूवौ ई दीसै
म्हैं बारूंबार
आं री सरणां आवूं
हारयौ-थाक्यौ बिचारुं कै अपरबळी रै बावन हाथ
स्यात अेक हाथ म्हांरौ दाळद म्हांरौ दुख
छांग देवै
पण हाँ...बिसरग्यौ म्हैं सांच्याई भूलग्यौ
कै ठाडै’र हींणै रा दोय गैला!
ईसरलाल वीं घड़ी तै कियौ कै
म्हांरौ गैलौ तौ म्हांरी छान ई चोखी तरियां पिछांणै अर
मानां गूजरी रौ न्याव
आधै दूध नै आधै पांणी रै बिचाळै
पुळियौ तांणै
पुळियै माथै बडी-बडी रा डेरूं बाजै
चांणचकै ईसरलाल धांणकियौ
ईसर रै माजनै रा दौ टूक करण लाग्यौ
वीं री छांन री टाटी मुखमन्तरी री पोळ
में लागियौड़ी ऊभी
अेक चपड़ासी टाटी नै खस-केवडां रै पांणी सूं भिजौवै
पूंन टाटी रै मिस बेरुत री मलार गावै
पण अेकाअेक अम्बर में खंख रौ खूंटौ
रुपग्यौ
जळसै में बाजण लाग्यौ खेंखाड़
मानां गूजरी उबासी लेवण सारू
जबाड़ी खोलै ई ही कै धौबां-धौबां रेत
ताळू में तिरण लागी
अेक झंपीड़ौ और लाग्यौ अर काळा केस
डाकण री लट्टियां-पट्टियां ज्यूं छितरायग्या
औ कांई व्हियौ?
आ कुणसी धारा भंग व्हैगी...
बडका सास्तरां संविधाण में इण सुवालां
रा ओळावा ढूंढ़ै
गोट री गोट
अन्धार अळूझाड़ आँधी—
धोरां री बाढ़ टूटनै
दफ्तरां दरबारां में साम्हींसाम पाळा मांडै
भखभूर भौमियां रै गळै लटूमै
बावळी री ज्यूं बरड़ावै—
थें कुण थें कुणसै ठिकाणै रा ठाकर?
बीघै-बीघै भूत’र बिस्वै-बिस्वै साँप
थें भूत कै साँप?
बोलौ बेगा, बोलौ उथळौ द्यौ
सिंघासण पच्चीसी रा पूतळ सिरदारौ।
मेड़ी सूं ऊतरौ
गुवाड़ी में करणी रौ लेखौ द्यौ
कठै ई गियौ जळसौ
किणीज दिसावां में लोप व्हैग्या
मानां गूजरी रा बिमांण फदफद उमराव
ईसरलाल आँख्यां फाड़-फाड़नै-टोवै
पण कीं नीं दीसै
सगळी माया अन्तरध्यांन।
दुवार गोखड़ा गया जड़ामूळ सूं
अबै वौ छांन री लाळसाई नीं राखै
लीलौ चंग असमांन वीं रै लारै-लारै हांडै
वौ जद इंछ्या करै वीं नै माथै पर
मोळियै री ज्यूं बांध लेवै।