पैलां वौ अेक आदमी इज हौ

दोय हाथ

दोय पग

मूं में कदै झाळ री झळ

कदै हेत री सळबळ

पछै अैड़ौ ब्रितांत भयौ

कै वौ आदमी नीं रयौ

देवता बणग्यौ

गताघम में पजग्यौ

सरूपोत में वीं रौ नांव

हालतौ-डोलतौ

अेक बाग रै फाटक माथै

आयौ

थोड़ा दिनां फेर चा-पांन री

दूकानां

सिरकारू मकानां

नै मुंसपाल्टी रै

परचां में वीं रौ चितरांम लाग्यौ

अेकर कोई मसकरीबाज

वीं रै पूतळै नै

चौरावै बीच रोपग्यौ

अर वौ सदां रै वास्तै

जड़

निस्चल

नै अेकलौ व्हैग्यौ।

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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