बिणजारी बस्ती में
खोली आंख
पांखां पसराई
सौदा देखिया
सौदौ ई
धरती आभै रौ
सार
सन्तोख
बाकी भार
इण काया रौ मूळ
सौदै रौ परताप
थारी कूंख
सौदै रै पैटै ई
पळियौ पेट
थारी जूंण तौ
सेयर बाजार है मां
जठै
जकौ आवै
फगत
बोली लगावण आवै।