चिड़कली सदैव बाबोसा रै आंगणै पराई हुवै
पीळा हाथ लाडकड़ी रा बाबोसा करावै
बाबोसा रै आंगणै
चवरी मंडप तोरणियौ भल सजावै
थळगट ई दैखौ नी बाबोसा भाभीसा पुजावै।
डबडब भरीजै नैण लाडली रा
हियै में समंदर हिलोरां खावै
पांवडां भरती रा पगल्या पाछा पडै़
मुख सूं बैण निकळ नीं पावै
नैणां में समंदर भर जावै।
बाबोसा नै पल-पल पूछै जाणै
कांई कीनौ कसूर बाबोसा म्हैं
लाड लडायौ मोकळौ म्हारै सूं,
मानी म्हनै काळजियै री कोर
पछै क्यूं भेजौ आज म्हनै दूजी ठौर।
बाबोसा ऊभा निजरां लुकावै
लाडकड़ी सूं नैण मिळा नीं पावै
दुनिया री बणायौड़ी रीत निभावै।
चिड़कल रै काळजियै चिंता सतावै
बाबुल रै बिन किण विध बीतैला रातां
सोच-सोच मन घबरावै
झरझर आंसूड़ां री लड़ियां बैहवै।
संग री सहेलियां लारै छूटै
लागै अंतसियै री सासां टूटै
बाबोसा रौ छूटै आंगणौ
नाजुकड़ी रौ थर-थर धूजै काळजौ।
मायड़ बिलखै, भावज बिलखै
बीरोसा घण कळपै
बाबोसा ई दैखौ आंसूड़ां लुकावै
पण आंसूड़ां कठै ढब पावै।
छाती सैंठी कठै राख पावै
भाटौ मेल छाती रै माथै
सुवटड़ी नै काळजै लगावै
झरझर आंसूड़ां टपकावै।
काळजै री कोर नै पर हाथां भोळावै
बाबोसा आज घणा बेबस लागै
हाथ जोड़ गिनायत रै सांम्है
अरज करता पाग सगै रै
मेल पगां में बीणती करै।
म्हांरी चिडकळ भोळी-भाळी
इण सूं कदैई गळती हुय जावै
टाबर समझ कर दीजौ माफ।
लाड लडायौ पाळी पोसी
कर दीवी आज पराई
कैड़ी आ घड़ी आई
सीखड़ली री वेळा आई।
काका-भाभा कुटुंब कबीलै
फेरियौ सिर पर हाथ
गळियारै में ऊभा नाना-नानी
झरझर नीर बहावै
मामा-मामी ई आंसूड़ा ढळकावै।
गांव गवाड़ी सगळा मिळ नै
आसीसां झाल भर-भर बगसावै
सोन चिड़कली सासरियै सिधावै
सूनौ बाबोसा रौ आंगणियौ कर जावै।
संग री सहेलियां सूं बाथा भरभर रौवै
आज बिछड़ फेरूं कद मिळणौ हौवै
दादा-दादी री लाडली,
सगळां नै छोड पिव रै घर जावै।
पिवरियै रा रूंखड़ा चिड़कल पाछा घिर घिर जौवै
झाला दे दे पिणघटियौ बुचकारै
चैवटियै री लूरां चिड़कल हिवडै में दबावै
साची, आ कैडी घड़ी आई
सीखड़ली री वेळा आई।