भायला
गजब है थूं
अर अजब है थारो देस
जवानी में ई टूटग्या
इण रा दाँत
थू हंसतो रैयो
इण री बोखी जबान माथै
मरोड़तो रैयो टांग
भूखां रा साथी भगवान री
अब तो झुक्यां ई
इण देस री कमर
पण थारो
सवारी रो सौक
पूरो नी हुयो
भायला
थन्नै ठा है के
नी समझ सकै ओ देस
धारी तिकड़म नै
थूं मोटो
अर ओ छोटौ
इण री आंख्यां में पाणी
अर थारै हाथ में डबरो
थूं दाता
ओ भिखारी
थारी पिछाण रै लारै
देस से पिछाण
बदळगी।
भायला
अब तो किस्सा अर काणी में
रमग्यो ओ देस
लोगां रे मगज में
भरगी गरद
ईं री जमी माथै
रैवतां थकां भी
कोई नी जाण्यो इण रो दरद
अब तो च्यारूं मेर
तोप अर बंदुकां रा
खुड़का
बुद्ध री आंख्यां में पाणी
भायला
कठै सूं आई आ मौज
के थारा खुंवा
लाम्बा-चौड़ा हुयगा
थारी मुख्यां में
चेत्याई तकदीर
अब तो
मूंज री जेवड़ी सूं
बांध राख्या हैं इण रा पग
छिलगी
सगळी पांसळ्यां
रगड़क सूं
भायला
थारा सा बणग्या सगळा लोग
पछै कुण सी जेब में
छिपग्यो ओ देस
स्याबास भायला
जिंदाबाद-जिंदाबाद
थारो भेस।