गोरधन सिंह शेखावत
नूवी कविता रा आगीवाण कवि। तेजसिंह जोधा सम्पादित 'राजस्थानी-१ में सामिल।
नूवी कविता रा आगीवाण कवि। तेजसिंह जोधा सम्पादित 'राजस्थानी-१ में सामिल।
आं दिनां में
अद्भुत छिण
अेक ठहर्योड़ी दोप’री
बाड़ अर गुलाब
बदळती सभ्यता
बावड़ी
चबूतरो
चेतौ
डबरे में लुक्योड़ो च्यानणो
डूंगर रौ हियौ
डूंगर रौ हियौ
गढ़ बोल्यो
गाडिया लुहार
गांव
घुड़दौड़
हलाल रो मांस
जेठ में
जिकौ सूंप्यौ
जूंझार
जुद्ध
काच
कदमताळ
कदमताळ
कतीक वार
काळ
काळ सूं सवाल
क्यूं याद है?
मंजिल
मौसम
म्हैं आवूंला जरूर
मिनख
मुरझायोड़ो पल
मुट्ठी
ओळ्यूं
पांच कवितावां
पांगळा भाई
पनजी मारू
पराई भोम
प्रीत
रंग-बदरंग
रातिंदो
रोही में बैठया मिनख नै निरख'र
सबद
सफदर हासमी री मौत
सपनो
साटिया री छोरी सूं
स्याबास
थारी सोगन
थूं
तूं कद आसी