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गोरधन सिंह शेखावत

गोरधन सिंह शेखावत

  • जलम: 1941
  • jaipur

नूवी कविता रा आगीवाण कवि। तेजसिंह जोधा सम्पादित 'राजस्थानी-१ में सामिल।

गोरधन सिंह शेखावत रौ परिचय

जन्म: 10 Apr 1941 | गुड़ा,भारत

गोरधनसिंह शेखावत रौ जलम बरस 1943 नै झुन्झुनू जिले रै गुड़ा गाम में हुयौ। वां पिलाणी सूं एम.ए अर पी.एच.डी करी अर आखी उमर हिंदी-राजस्थानी में सिरजण करता रैया। गोरधनसिंह शेखावत पेशे सूं शिक्षक रैया। राजस्थानी री नवी कविता रा महताऊ कवि रै रूप वांरी खास ओळखाण रैई है। राजस्थानी री नवी कविता रा जिका अैनांण सुरुआत में देखण नै मिलै;उठै गोरधनसिंह शेखावत रौ कवि ऊभौ लखावै। तेजसिंह सम्पादित नवी कविता रै ठावै प्रयोग राजस्थानी-1 में ई गोरधनसिंह शेखावत सामिल रैया। 

गोरधनसिंह शेखावत री कवितावां में समाज अर वैवस्था सूं मोह अर ओळै-दोळै पसरियोड़ी विडरूपतावां खुल’र परगट हुवै। वांरी नैनी कवितावां राजस्थानी कविता-जातरा में अबोट बिम्ब लियां सुघड़ अर सागैड़ी लखावै। वांरी पोथी ‘किरकर’ इसी कवितावां री पोथी है। उण समय री समकालीन कविता रा सगळा एलीमेंट अर जीवण री अबखायां वांरी कवितावां में साम्प्रत निगै आवै।

‘किरकर’, ‘पनजी मारू’, ‘अर खुद सूं खुद री बातां’ (कविता संग्रै), ‘तीसमारखां अर बस्तीराम’ (नाटक), ‘एक फौजी शहीद’ (राजस्थानी उपन्यास) ‘भरत और अरस्तु के नाट्य तत्वों की तुलना’, ‘मोहन राकेश की कथा यात्रा’, ‘नई कहानी उपलब्धि और सीमाएं’ (सोध), ‘ढोला मारू रा दूहा’ (संपादन), ‘राजस्थानी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास’ (साहित्य इतियास), 'नेकरासोव' (फ्रेंच नाटक रौ अनुवाद) सहित वांरी दो दरजण सूं बेसी किताबां प्रकासित-सम्पादित है।

गोरधनसिंह शेखावत नै अलेखूं सनमान मिळ्या;जिणमें राजस्थान भाषा साहित्य अर संस्कृति अकादमी सम्मान, राजस्थान रत्नाकर सम्मान सामिल है।

23 मई 2024 नै गोरधनसिंह शेखावत इण दुनिया नै अलविदा कैह ग्या!