जठीनै देखूं
वठै ई हैरांनगी
कुमत रौ अेंठवाड़ौ
खोड़ीलायां करता
दुभांत बरतता
जीवण री चैचाट नै खूंदता
सिध-जोगी!
‘भाग में लिख्योड़ौ टळै कोनी’
बखांण’र वै
हीमत री उकराळ में रांझौ घालै
नै केवै कै बावड़ी में
डोल तौ ऊसेरौ
पण पांणी मतना काढ़ौ
हरजी-नारांणजी माथै भरोसौ राखौ
वीं रौ जाप जतन सूं ई ठाडौ
जे ज्यांन जावै तौ जावै
पण होंठ ना हिलावौ
गती-मुगती रौ गेलौ छोड’र
ऊजड़ मती ढळौ
ऊपरवाळै री मेहर नै उडीकौ
रांम अर राज री भगती सदां मिसरी
जद चाखै तद गूंद-गिरी।
जठीनै निजर फेरूं
वठीनै ई नांसमझी रा डेरा
राजा गढ़ां में
जोगी मढ़ां में मछरां करै
अर अंजळ री तपास
में भटका खावतौ
गुजरांण रै पळेटां में गूंथीजियौड़ौ
मिनख सोचै कै इण भांत
जीवणा बिचै तौ मरणौ घणौ सिरै।
एमेले-अम्पी-मनीस्टर सूं
लगाय’र
पंच-पटवारियां तांई
सगलां रा मूंडा
जोगियां रा
भभूंत रमायौड़ा
भसमी में भुरकाळा—
सुणौ सुणौ सुणौ
किरसणजी गीता में कैयौ
कै संपूरण बिपतावां
रौ अचूक निदांन आसा
आसा अमरधण
आस मेटै तास
भलां ई तन गाळौ मन राळौ
पण आसा री जौत
अवस बाळौ
तौ भाया, अै जोगीड़ा तौ पूरा
कालिंदर
डसण री ताक में छापळता
राज री पूंछड़ी रौ तणकारौ देवै
फुण-फुण करै
आं रौ डस्योड़ौ बेपांणी मरै
पिछांणौ
आं सिध-साधुवां रा सांग पिछांणौ
अै सक्करखोरा
पण बिख री फुंफकार छौड़ै
अै गरजवांन गरीबदास रै कटोरां दूधौ पीवै
अै गाजत-बाजत जाय’र बैठै
राजा रै गोडै।
अै गाजर री पूंगी बजावै
नीं बाजै तौ साळी नै तोड़ खावै
छुड़ावौ आं नाग-गोयरां री कुबांण छुड़ावौ
नीं तौ एकमन्त होय अबै उळटौ गुरांजी रौ गाडौ
आंट में लियां बिनां डांमीजै कोनी
धायौड़ौ
नै उफांण आयोड़ौ कुकरमी पाडौ।