रामपाळ्यो,
यूं ही होग्यो पैदा,
बना बात,
करबा लेखै बेगार।
वाह! रामपाळ्या
बणा सड़क्याँ
मेटदै खाळ्याँ-
तकदीर की।
तकदीर—
कांई कोई की बपौती छै
या तो न्हाती-धोती है
करलै ब्याव
होबा दै च्याऊं-म्याऊँ
पण ध्यान रखाणज्यो,
फेरूं मतcकरज्यो पैदा
रामपाळ्यो...
रामधन जी कै तांई।