जुगो जुग सूं

दादी नानी री

बातां अर टाबरां री नींद

नींद सूं बातां रौ सगपण

कुण करायौ मां

बडेरां रै गुंथीयोड़ै

इण जाळ नै लेय

बैठ गियौ म्हारौ बाप

लाड लडावतौ

सुणावण थनै

चक्रव्यूह रौ भेद

वो जाणतौ हौ

थनै नींद आवैला!

अधूरौ ज्ञान

काळ रौ बेली होवै मां,

जूंझारा जोधां री

ऐड़ी पुन्याई

म्हनै मती सूंप

म्हारी मौत री जिम्मेदार

अबै

थूं मती बण।

स्रोत
  • पोथी : घर तौ एक नाम है भरोसै रौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रम्मत प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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