सियाळै री ठारी में

जद म्हैं

ओवरा री बारी बंद करतौ व्हूं

के म्हारै कांनां गुणकौ पड़ै

बोलतां लोगां री वांणी रौ

आप पतियारौ नीं करोला

वा वांणी म्हारी रग-रग में निवाछ भर देवै

अर म्हैं निचंत व्हैय

बारी तौ कांईं आडौ ओडाळणौ फीटौ करूं

मायड़भासा रौ निवाछ

गरभ जैड़ा निवाछ जैड़ौ व्है!

स्रोत
  • पोथी : अबोला ओळबा ,
  • सिरजक : चन्द्रप्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : सर्जना, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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