जलमिया अेक ही आंचळ, जड़ां री अेक ही जड़ है
रगां में अेक ही लोही धड़कणी अेक ही धड़ है
रमैया राम बो ही है रहीमो नांव बो ही है
हियै में राम रो आसण, अजोध्या धाम बो ही है
सबद रै भेद मत भटका, बावळा अरथ बो ही है
मौत घट-घट लिपट जासी अेक ही काळ रै सारै
जियै क्यूं हाथ राता कर मिनख क्यूं मिनख नै मारै
सकल रो आद अेको है, अेक ही नाळ सूं आया
धरम तो अेक मिनखा है, मिनखपण विश्व रा पाया
जगत रा जातरी आया, जमारो जीव जीणो है
मिनख री आब राखण नै, दळद-दुख-दरद पीणो है
सतोळो भाव रो इमरत, सरब सुख-खाण बो ही है
मौत घट-घट लिपट जासी, अेक ही काळ रै सारै
जियै क्यूं हाथ राता कर, मिनख क्यूं मिनख नै मारै