धरती माथै रंग-बिरंगा फूलां साथै
तीखा-तीखा कांटा ई बिखरयोड़ा
समझदार मिनख उणनै कैवै
जिको कांटां सूं बचै, वानै आधा करै
अर फूलां नै चुग लेवै
वांरी सौरम घर-घर में बिखेर देवै ।
धन-बळ रै मद डूबोड़ा अर
नासमझी सूं लिपट्योड़ा
कीं बगत बावळा पुसप तोड़ता
व्है जावै लोहीझांण
फूलां लग पूगण री वांनै कोनी ग्यांन
दोनां रै मारग चालण में
फरक घणौ है
अेक दुखी व्है खुद, दूजां नै दुख देवै
दूजौ बोरै कांटा मारग साफ करै
खुसियां अर खुसबू देवै।