मै’सूसो
कीं बी मै’सूसो
भलो, बुरो!
कीं बी
हां, कीं बी
कण या मण।
हां कीं बी
जीवन न सारी भरण।
हांसण, गावण, रोवण।
पण
थारै जोवण री
होवण री
साख तो भरो।
कीं तो मै’सूसो
भलो, बुरो?